मुंबई, भीड़-भाड़ और गाड़ियों की आवाज़ों से गूंजता शहर, जहां हर इंसान अपनी ज़िन्दगी की तलाश में भाग रहता है। इस शोरगुल भरे शहर में एक युवा आदमी राहुल रहता था, जो अपने जीवन के असली मकसद की तलाश में निकल पड़ता है। इस रोचक कहानी में, स्व-खोज, मित्रता, और प्यार के क्षणों से भरपूर, राहुल के जीवन को आविर्भूत करने वाले चुनौतियों और अवसरों के माध्यम से उसकी पहचान की तलाश की यात्रा प्रस्तुत की जाती है, जो अंततः उसे यह अनुभव कराती है कि सच्चे उत्तर सदैव अन्दर ही छिपे होते हैं।
राहुल, जो ज़िंदगी के मायने खो चुका था, रोज़ाना अपने अच्छे दोस्त संजय के साथ स्वयंसेवी गतिविधियों में लिप्त रहता था। वे दोनों सहसंघटित करते और शहर में रहने वाले गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का अवसर प्रदान करते थे। इस बात का सम्मान करते हुए और आदर्शों का पालन करते हुए, राहुल ने अपने अंतर्मन को समझ लिया था कि उसे और कुछ करना होगा।
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